सीएम सैनी ने ओपी चौटाला के जीवन को बताया प्रेरणादाई, नड्डा बोले- वे जिंदादिल इंसान थे
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अभय सिंह चौटाला |
पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की रस्म पगड़ी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा चौटाला गांव में हुई, जिसमें विरासत की पगड़ी अभय सिंह चौटाला के सिर रखी गई। दरअसल, सभा कार्यक्रम में ओपी चौटाला के जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई, जिसके चौटाला साहब ने अभय चौटाला को इनेलो का उत्तराधिकारी घोषित किया था। शोक संदेश के दौरान अभय चौटाला ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा दुख तब होता है, जब सिर से पिता का हाथ उठ जाता है। वो ताकतवर हाथ था। उन्होंने मुझे अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। सही-गलत चीजों का अंतर बताया। राजनीतिक गलियारों में सीना तानकर खड़ा होना सिखाया। उनके जाने का दुख मुझे हो रहा है, इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इसकी भरपाई नहीं हो पाएगी। इस दौरान अभय चौटाला ने कहा कि आज हम सभी हमारे महान नेता, संघर्षशील, मेहनती और गरीब-मजदूर की आवाज चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने आए हैं। यहां देश के विभिन्न राज्यों से हमारे परिवार के शुभ चिंतक, दोस्त और रिश्तेदार पहुंचे हैं। श्रद्धांजलि सभा में भाजपा के राष्ट्रीय नेत्त्व के आलानेताओं के अलावा देशभर से प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सीएम सैनी ने कहा- चौटाला का जीवन खुली किताब
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि ओपी चौटाला का पूरा जीवन खुली किताब रहा है। उन्होंने हरियाणा के लिए संघर्ष किया, विकास को नई दिशा देने का काम किया। उन्होंने गौरवशाली जीवन व्यतीत किया और हमें दिशा देकर गए। ऐसी दिवंगत आत्मा, जिनसे हमें भी सीखने को मिलता है।
चौटाला ने पानी के लिए संघर्ष किया
वहीं हरियाणा प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला 5 बार मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने हरियाणा के पानी के लिए जो संघर्ष किया है, वह इतिहास में लिखा हुआ है। मैं जब 1998 में मंत्री था तो ओपी चौटाला मुख्यमंत्री थे। उन्होंने जोरदार ढंग से हरियाणा के हित की बातें रखी थीं।
जेपी नड्डा बोले- चौटाला जिंदादिल इंसान थे
इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि उनके जाने से राजनीतिक क्षेत्र में एक युग का अंत हुआ है। उनके साथ कई बार काम करने का अवसर मिला, वह जिंदा दिल इंसान थे। लोगों की आवाज को उठाने का जुनून उनकी रगों में बसा हुआ था।
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