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शनिवार, 7 दिसंबर 2024

महिला सशक्तिकरण: अब गांवों की लड़कियांं भी खेलेंगी टी-ट्वंटी क्रिकेट, लगेंगे चौके-छक्के

धिंगतानिया गांव में एक दिवसीय ग्रामीण क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन 

सिरसा, 7 दिसंबर (हरभजन) : अकसर गांव की गलियों में लड़के क्रिकेट के शॉट लगाते हुए आम देखने को मिल जाते हैं, लेकिन अब गांवों की बेटियां भी ग्रामीण आंचल में बने खेल मैदानों में चौके-छक्के लगाकर हुई दिखाई देंगी। धिंगतानिया गांव ने इसको लेकर एक नायाब पहल की है। 

मैदान का निरीक्षण करते हुए अम्पायर।

दरअसल, धिंगतानिया गांव की ग्राम पंचायत व ग्रामीणों ने भारत सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की तर्ज पर बेटियों को खिलाओ मुहिम शुरू करते हुए लड़कियों के लिए गांव में 7 दिसंबर को एक दिवसीय ग्रामीण टी-ट्वंटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन रखा है।

 इस दौरान बेटियों को खेलों के साथ-साथ कुशल नेतृत्व के गुर भी सिखाए जाएंगे। टूर्नामेंट में मुख्यातिथि के तौर पर समाजसेवी गोबिंद कांडा, मनरेगा एबीपीओ हर्षबाला, पंचायत सेक्रेटरी सुनीता शर्मा व एएसआई कोमल विशेष तौर पर पहुंचेंगे। 

धिंगतानिया गांव के युवा सरपंच एवं किक्रेट के हरफनमौला खिलाड़ी रहे राकेश न्यौल ने इस बारे में बताया कि गांवों में लड़के अकसर क्रिकेट, कब्बडी जैसे खेल खेलते रहते हैं। समय बदल रहा है, ऐसे में गांव की बेटियों को भी खेलों में पूरा अवसर मिलना चाहिए। 

इसी सोच को लेकर ग्राम पंचायत व ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से लड़कियों के लिए टी-ट्वंटी क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि गांवों में इन दिनों लैदर बॉल का खेल लुप्त होने के कंगार पर पहुंच गया है, इसलिए लड़कियों के इस टूर्नामेंट में विशेष तौर पर लैदर बॉल का प्रयोग किया जाएगा। 

बिना इंट्री खेलेंगी टीमें, कमेटी खुद उपलब्ध करवाएगी बॉल 

इस एक दिवसीय इनामी टूर्नामेंट में प्रथम स्थान पाने वाली टीम को 95 सौ, जबकि रनरअप टीम को 75 सौ रूपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इसमें चार टीमें भाग लेंगी, जिनसे कोई एंट्री फीस नहीं ली जाएगी। मैच के दौरान बॉल भी टूर्नामेंट कमेटी की तरफ से फ्री देगी, वहीं खाने-पीने की व्यवस्था के अलावा हर खिलाड़ी को किराया भी दिया जाएगा। खास बात यह भी है कि इस टूर्नामेंट में किसी भी गांव की लड़की किसी भी टीम में भाग ले सकती है, यानि यह ओपन टूर्नामेंट है। 

राकेश न्यौल, सरपंच धिंगतानियां। 

बेटी उत्थान के लिए केंद्र व हरियाणा सरकार बहुत प्रयास कर रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी काफी हद तक बेटियां घरों से बाहर नहीं निकल पा रही, खासकर खेलों के क्षेत्र में। ग्राम पंचायत व ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से पहली बार लड़कियों के लिए क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित करने का निश्चय किया है। मैंने खुद भी बहुत क्रिकेट खेली है, मेरा प्रयास रहेगा कि हर वर्ष ऐसा टूर्नामेंट हो, ताकि गांव स्तर पर बेटियों में खेलों के प्रति और रूचि बढ़ सके। 


महावीर न्यौल, पूर्व क्रिकेटर। 

गांव स्तर पर खेलों के ऐसे आयोजन नि:संदेह बेटियों को प्रोत्साहित करेंगे। सभी ग्राम पंचायतों को चाहिए कि वे लड़कियों के लिए विशेष तौर पर खेल करवाएं, ताकि उनमें छुपी प्रतिभा निकलकर सामने आ सके। 


 मा. बदरी प्रसाद, पूर्व क्रिकेटर।                                                                                                                                                                                                                         आजकल लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों के बराबर खड़ी हैं, ऐसे में ग्राम पंचायत का बेटियों के लिए यह प्रयास सराहनीय है। यदि गांव स्तर पर लड़कियों के लिए इसी तरह के क्रिकेट टूर्नामेंट होने लगें तो देश के लिए और बेहतर खिलाड़ी तैयार होंगे। 


ग्रामीण आंचल में पली-बढ़ी बेटियों को खेलों से दोहरा फायदा होगा, जहां उनमें कुशल नेतृत्व का विकास होगा, वहीं उनमें आत्मरक्षा के गुण भी पैदा होंगे। गांववासियों का यह प्रयास अन्य गांवों के लिए प्रेरणा साबित होगा।
 -धर्मचंद सोलंकी, एडवोकेट। 

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