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शुक्रवार, 17 जनवरी 2025

भ्रष्टाचार पर सूची वायरल: हरियाणा के 370 पटवारी बने 'प्रोपर्टी डीलर

भ्रष्टाचार में कैथल सबसे आगे, पंचकूला को दिखाया ईमानदार  

सिरसा, 17 जनवरी : हरियाणा में भाजपा सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों के दिन अब शायद लदने वाले हैं। प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंंधन विभाग के नाम से कथित भ्रष्टाचार मामले में एक सूची सोशल मीडिया पर दिनभर से वायरल हो रही है, जिसमें प्रदेशभर के 370 पटवारियों को सूचीबद्ध किया गया है। इन पटवारियों पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप है। इस रिपोर्ट में बकायदा 170 ऐसे पटवारियों का भी जिक्र है जिन्होंने अपने सहायक  नियुक्त किए हुए हैं जो पैसा उगाही का कार्य करते हैं। राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार मामले में प्रदेश के कैथल जिले में सबसे ज्यादा 46 पटवारियों का नाम सामने आया है, वहीं पंचकूला इस मामले में ईमानदार दिखाया गया है। हालांकि इस रिपोर्ट को लेकर अभी तक कोई अधिकारिक ब्यान सामने नहीं आया है, और ना ही कोई अधिकारी इस विषय पर कुछ बताने को तैयार है, किंतु शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी जिला उपायुक्तों को आगामी 10 दिनों में भ्रष्टाचार में लिप्त पटवारियों पर कार्यवाही करने का आदेश दिया है। अंदेशा है कि यह सूची सरकार द्वारा गोपनीय इनपुट रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है, जिसमें आगामी दिनों में जल्द कार्यवाही हो सकती है।  

वायरल सूची


सिरसा में भी भ्रष्टाचार का खेल, सहायक के जरीये वसूले हैं पैसा 

वायरल सूची के अनुसार, सिरसा में 13 पटवारियों को भ्रष्टाचार सूची में शामिल किया गया है। इनमें से 7 पटवारियों पर आरोप है कि इन्होंने अपने सहायक नियुक्त कर रखे हैं जो लोगों से रजिस्ट्री, इंतकाल व तकशीम जैसे राजस्व कार्यों के लिए मोटा पैसा उगाही करते हैं। रिपोर्ट में बकायदा इस बार का भी जिक्र है कि किस कार्य के लिए कितनी राशि वसूल की जाती है। इन 13 पटवारियों में सिरसा क्षेत्र से 4, ऐलनाबाद से 2, नाथूसरी चोपटा से 2 व डबवाली क्षेत्र से 5 पटवारियों का नाम सामने आया है। जिसमें पटवारी बंसी बिश्नोई, डी. सिंह, राकेश मेहता, जसमेर सिंह, मनोज कुमार, मुकेश कुमार, कुलदीप सिंह, कौर सिंह, हनुमान, बसत सिंह प्रजापत, जोगिंदर ङ्क्षसह, सुखदेव सिंह व सुनील कुमार शामिल हैं। 

खुद बन बैठे खुद प्रोपर्टी डीलर, जनता भटक रही 

कई पटवारियों पर तो इतने संगीत आरोप है कि वे खुद प्रोपर्टी डीलर का कार्य करते हैं और जनता से सेवा के नाम पर नजराना वसूलते हैं। यही नहीं, कुछ पटवारियों द्वारा अपने सीनियर अधिकारियों के लिए पैसा जुटाने का भी जिक्र सामने आया है। रजिस्ट्री, तकशीम, इंतकाल दर्ज करने, गिरदावरी, फर्द सत्यापित करने, जमीन पैमाइश, जमीन रिकार्ड दुरुस्त करने, नक्शा बनाने जैसे कार्यों में भ्रष्टाचार का खुल्मखुल्ला खेल चल रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश सरकार इस मामले में क्या कार्यवाही करती है, क्योंकि प्रदेश में जनता आज भी भ्रष्टाचार की जद्द में है। 


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