चुनाव से ज्यादा राजनीति के बदलते रंगों की चर्चा
उम्मीदवार रिवर्स करने से उठानी पड़ी थी फजीहत
अक्तूबर 2024 में हुए विस चुनाव में भाजपा ने सिरसा सीट पर पहले रोहताश जांगड़ा को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन नामांकन वापसी के अंतिम दिन अपने उम्मीदवार को रिवर्स करते हुए हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के समर्थन आ खड़ी हुई थी। इस राजनीतिक घटनाक्रम से भाजपा को काफी फजीहत भी झेलनी पड़ी थी। हालांकि विस चुनाव में भाजपा स्पष्ट बहुमत से प्रदेश की सत्ता पर फिर से काबिज हो गई। लेकिन भाजपा के स्थानीय नेताओं को यह बात नाग्वार गुजरी, जिसके चलते भाजपा की जिला इकाई कांडा बंधुओं से दूरी बनाने लगी थी। अब नप चुनाव में भाजपा के लोकल लीडर ऐसी गलती को दोहराना नहीं चाहते। इसीलिए शीर्ष नेताओं के प्यारे कांडा बंधुओं को किनारे करते हुए भाजपा अब खुद के वजूद को जिंदा करने में जुट गई है।
उधर कांडा बंधुओं की राजनीतिक शह-मात से पूरा सिरसा वाकिफ है। भले ही विस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया ने गोपाल कांडा को हरा दिया था, मगर गोपाल कांडा भी राजनीति शतरंज के माहिर खिलाड़ी हैं। देखना दिलचस्प होगा कि नप चुनाव में बाजी किसके हाथ लगने वाली है, क्योंकि कांग्रेस भी अब आपसी मनमुटाव से निकलकर राजनीतिक एकजुटता का दम भरने लगी है।