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रविवार, 22 दिसंबर 2024

सीएम साहब! वर्षों से करोड़ों की बिल्डिंग धूल फांक रही, बेटियों के लिए शिक्षण संस्थान ही खोल दो!

 कुमारी शैलजा के प्रयासों से फूलकां में मंजूर हुआ था रिजनल सेंटर, लेकिन भवन तक अटका 

मुख्यमंत्री सैनी से ग्रामीणों ने भवन में नर्सिंग या आईटीआई शिक्षण संस्थान खोलने की उठाई मांग 

खस्ताहाल स्थिति में फूलकां पंचायती भूमि पर खड़ी सरकारी बिल्डिंग। 

सिरसा, 22 दिसंबर (हरभजन) : करीब 31 वर्ष पहले निकटवर्ती गांव फूलकां में तत्कालीन चौधरी भजनलाल की कांग्रेस सरकार को ग्राम पंचायत ने 100 एकड़ भूमि दान स्वरूप देकर केयूके का रिजनल सेंटर बनाने का आग्रह किया था। लेकिन रिजनल सेंटर के नाम पर खड़ी खस्ताहाल बिल्डिंग तीन दशक बाद आज भी गांव का मुंह चिढा रही है। 

24 दिसंबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी फूलकां में एक सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंच रहे हैं, ऐसे में गांववासियों ने एक सुर में मांग उठाई है कि इस विशालकाय सरकारी भवन में  लड़कियों के लिए नर्सिंग या आईटीआई जैसे शिक्षण संस्थान मंजूर किया जाए ताकि आस-पास के दर्जनों गांव इसका फायदा उठा सकें। 

गौरतलब है कि वर्ष 1993 में तत्कालीन सांसद कुमारी शैलजा के प्रयासों से कांग्रेस सरकार ने फूलकां गांव में केयूके रिजनल सेंटर मंजूर किया था। जिसके लिए ग्राम पंचायत ने 100 एकड़ 5 मरले भूमि दान में दी थी। उसके कुछ समय बाद यहां करीब सवा करोड़ की लागत से तीन मंजिला भवन तैयार हो गया, जिसमें 72 कमरे बनाए गए हैं। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में सन् 1999 में इस बिल्डिंग की रिमॉडलिंग के लिए सवा लाख रूपये भी मंजूर हुए, लेकिन उद्घाटन से दो दिन पूर्व ही तत्कालीन सरकार द्वारा इस रिजनल सेंटर को सिरसा शिफ्ट कर दिया गया। जिसके बाद यह भवन लावारिस स्थिति में आ गया। हालांकि ग्राम पंचायत द्वारा बार-बार आग्रह के बाद जिला प्रशासन ने तत्कालीन सांसद अशोक तंवर के प्रयासों से यहां लड़कियों के लिए कढ़ाई-सिलाई का प्रशिक्षण सेंटर खोला गया, जो करीब दो वर्ष बाद बंद हो गया। 

महिला सरपंच कलावती देवी ने कोर्ट में उठाया था मुद्दा, वापिस मिली भूमि

वर्ष 2007 में सरपंच कलावती देवी व पंच राकेश हरलिया ने रिजनल सेंटर के नाम छोड़ी गई भूमि को हाईकोर्ट में चेलेंज करते हुए यह दलील दी कि यहां घोषित सेंटर बनाया जाए या फिर यह भूमि ग्राम पंचायत को वापिस दी जाए। इस दौरान भूमि पर 3 साल तक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार ने काश्त की। लेकिन हाईकोर्ट ने सन् 2010 में यह भूमि पंचायत को वापिस करने का आदेश दे दिया। जिसके बाद यह भूमि ग्राम पंचायत द्वारा काश्त के लिए पट्टेधारी पर छोड़ी जा रही है, किंतु यह बिल्डिंग तभी से लावारिस हालत में है और नशेडिय़ों की शरणस्थली बनी हुई है। 

सीएचसी विद नर्सिंग कॉलेज बने तो लड़कियों के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के फूलकां आगमन को लेकर ग्रामवासियों ने मांग उठाई है कि यदि प्रदेश सरकार द्वारा यहां लड़कियों के हित में सीएचसी विद नर्सिंग कालेज मंजूर कर दिया जाए तो यह लड़कियों के लिए रोजगार परक साबित हो सकता है। क्योंकि नर्सिंग कालेज खुलने से एनएनएम, जीएनएम व बीएससी नर्सिंग करने की सुविधा मिलेगी, वहीं सीएचसी में अभ्यास करने का पूरा अवसर भी मिलेगा। 

फिलहाल सिरसा में एक एएनएम कालेज है जो सिविल हॉस्पिटल में स्थापित है। इसके अलावा यहां लड़कियों के लिए आईटीआई खोलने पर भी विचार किया जा सकता है, ऐसा शिक्षण संस्थान बनने से फूलकां ही नहीं, आस-पास के दर्जनों गांवों की बेटियों को शिक्षा हासिल करने में सुविधा उपलब्ध होगी। 



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